ज्वालामुखी / Volcano
ज्वालामुखी
ज्वालामुखी भूपटल पर वह प्राकृतिक छेद या दरार है जिससे होकर पृथ्वी के अन्दर का पिघला पदार्थ, गैस या भाप, राख इत्यादि बाहर निकलते हैं|
ज्वालामुखी से कार्बन डाई आक्साइड, सल्फर डाई आक्साइड, हाइड्रोजन, नाइट्रोजन और जलवाष्प भी निकलते हैं|
ज्वालामुखी से जो बड़े-बड़े आकर की चट्टानें निकलती हैं उन्हें, ज्वालामुखी बम कहते हैं|
मैग्मा
भूगर्भ में या धरती के अन्दर जो गर्म तरल पदार्थ पाया जाता है उसे मैग्मा कहते हैं|
और जब ये मैग्मा धरती की सतह पर फैलता है तो इसे ही लावा कहते हैं|
लावा के जमाव के कारण ही बेसाल्ट के मैदान(काली मिट्टी) बनते हैं|
ज्वालामुखी के प्रकार
सक्रियता के आधार पर ये तीन प्रकार के होते हैं...
(i) सक्रिय ज्वालामुखी
वह ज्वालामुखी जिसमें निरंतर उदगार होता रहता है, ऐसे ज्वालामुखी को सक्रीय ज्वालामुखी कहते हैं|
उदा० स्ट्राम्बोली ज्वालामुखी ये भूमध्य सागर में सिसली के उत्तर में लिपारी द्वीप पर स्थित है, इसे भूमध्य
सागर का प्रकाश स्तंभ कहते हैं|
कुछ प्रमुख सक्रीय ज्वालामुखी...
माउन्ट एटना - इटली
कोटो पैक्सी - इम्बेडोर (विश्व का सबसे ऊँचा सक्रीय ज्वालामुखी)
बैरन द्वीप - अंडमान निकोबार (भारत का एक मात्र सक्रीय ज्वालामुखी)
माउन्ट इरेबस - अंटार्कटिका
मोना लोआ - हवाई द्वीप (अमेरिका)
मेयान - फिलीपींस
(ii) प्रसुप्त / सुषुप्त ज्वालामुखी
वे ज्वालामुखी जिनमें वर्तमान में उदगार नहीं हो रहा है,लेकिन भविष्य में उदग की सम्भावना है|
फ्युजीयामा - जापान
विसुवियत - इटली
नारकोंडम द्वीप - अंडमान(भारत)
(iii) मृत / शांत ज्वालामुखी
ऐसे ज्वालामुखी जिनमें बहुत पहले उदगार हुआ था, लेकिन भविष्य में होने की सम्भावना नहीं है|
किलिमिन जारो - तंज़ानिया
पोषा - म्यांमार
एकाकांगुआ - अर्जेंटीना
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