ज्वार - भांटा / Tide

ज्वार भांटा 

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सूर्य व चंद्रमा के आकर्षण बल तथा पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल के आता है|
समुद्री जल का ऊपर चढ़ना ज्वार तथा नीचे गिरना भांटा कहलाता है|

सूर्य की तुलना में चन्द्रमा का आकर्षण बल ज्यादा काम करता है|

ज्वार से एक प्रकार की विद्दुत बनाई जाती है, जिसे ज्वारीय उर्जा कहते हैं| भारत के गुजरात में खम्भात की खाड़ी में ये उत्पादित हो रही है|


दीर्घ ज्वार / वृहत ज्वार

जब सिजकी होती है तो इस दिन दीर्घ ज्वार आता है, ये पूर्णिमा तथा अमावस्या के दिन ही आते हैं|


लघु ज्वार 

जब सूर्य_चंद्रमा_पृथ्वी समकोण की स्थिति में होते हैं, ये प्रत्येक माह के सप्तमी, अष्टमी (माह में दो बार) आते हैं|


एक स्थान पर अधिकतम एक दिन में दो बार ज्वार आ सकते हैं|
दो ज्वारों के बीच का अंतर 12घंटे,  26मिनट होता है| पूरा ज्वार चक्र 24घंटे, 52मिनट में पूरा होता है|

इंग्लैंड के साउथैम्पटन में दिन में चार बार ज्वार आते हैं| यहाँ पर 2 बार उत्तरी सागर से तथा 2 बार इंग्लिश चैनल से|


विश्व का सबसे ऊँचा ज्वार - फांडी की खाड़ी (कनाडा)
विश्व का सबसे नीचा ज्वार - ओखा तट (गुजरात)
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